Sunday 21 October 2012

गुजराती कढ़ी


  गुजराती कढ़ी:-


गुजराती कढ़ी थोड़ी पतली होती है.  ये कढ़ी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है और बनाने में  आसान है.

आवश्यक सामग्री - 

दही - 2 कप
बेसन -- आधा कप
तेल - 2-3 टेबल स्पून
जीरा - आधा छोटी चम्मच
सरसों के दाने - आधा छोटी चम्मच
मैथी के दाने - आधा छोटी चम्मच
करी पत्ता - - 5-6
हींग - 2-3 पिंच
हल्दी - एक चौथाई छोटी चम्मच
हरी मिर्च - 1-2 बारीक कटी हुई
अदरक - एक छोटी चम्मच पेस्ट या थोड़ी सी अदरक कस लीजिए
नमक - स्वादानुसार
गुड़ या चीनी - एक छोटी चम्मच
साबूत लाल मिर्च - 2
लाल मिर्च पाउडर - आधा छोटी चम्मच
हरा धनियां - 2 टेबल स्पून  बारीक कटा हुआ

विधि -

दही थोड़ा खट्टा हो तो कढ़ी ज्यादा स्वादिष्ट बनती है.
बेसन को छान ले ओर दही और बेसन को मिलाकर अच्छी तरह फैट लीजिये.  दही और बेसन के घोल से तीन गुना  पानी इस घोल में डालकर मिलाए कढ़ी बनाने के लिये घोल तैयार है.
कढ़ाई में तेल गरम कीजिये, गरम तेल में जीरा, सरसों, मैथी के दाने डालिये गॅस धीमी रखिये.. जीरा, मैथी भुनने पर करी पत्ता, हींग, हल्दी पाउडर, हरी मिर्च और अदरक पेस्ट डाल कर मिलाइये, हल्का सा भूनिये.

अब इसमे कढ़ी का घोल डालिये.  तेज आग पर कढ़ी में उबाल आने तक चमचे से चलाते हुये पकाइये. कढ़ी को लगातार चलते रहिए वरना यह उफ्न कर निकल जाएगी. कढ़ी में उबाल आने के बाद चमचे से चलाना बन्द कर दे चम्चे को कड़ाही मे ही पड़ा रहने दे, कढ़ी में नमक और चीनी डाल कर मिला दीजिये, आधा हरा धनियां और लाल मिर्च पाउडर भी कढ़ी में डाल दीजिये, कढ़ी को धीमी आग पर 30 मिनिट तक पकने दीजिये.
 अब कढ़ी तैयार है, कढ़ी को तड़का देने के लिए कढ़ाई में थोड़ा सा तेल डालकर गरम करे इसमे  एक चौथाई छोटी चम्मच जीरा डाल कर तड़्काइये, गॅस बन्द कर दीजिये, साबुत लाल मिर्च और 1-2 पिंच पिसी लाल मिर्च डालिये.  तड़के को कढ़ी में डालिये और बचा हुआ हरा धनियां भी कढ़ी में डाल दे.
गरमा गरम गुजराती कढ़ी  खाइये.

चार सदस्यों के लिये

समय - 50 मिनिट

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

मिस्सी रोटी

मिस्सी रोटी :-   

मिस्सी रोटी  स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी होती है. ये आपको बहुत पसन्द आयेगी.

आवश्यक सामग्री - 

गेहूं का आटा - 1/2 कप
बेसन - 1/2 कप
नमक - स्वादानुसार 
अजवायन - 1/4 छोटी चम्मच
हींग - 1-2 पिंच
हल्दी - 1/4 छोटी चम्मच
कसूरी मेथी - 1 टेबल स्पून
तेल - 2 छोटी चम्मच

विधि: - 

आटे और बेसन को किसी बर्तन में निकाल ले .अब नमक, अजवायन, हींग, हल्दी, कसूरी मेथी और तेल डालकर मिलैये.ओर
पानी की सहायता से नरम आटा गूंथिये. आटे को सैट होने के लिये ढककर 20 मिनिट के लिये रख दे. अब हाथ पर थोड़ा तेल लगाकर आटे को  मसल कर चिकना कीजिये. मिस्सी रोटी बनाने के लिये आटा तैयार है.

तवा गरम कीजिए. गुथे आटे से थोड़ा सा आटा निकाल कर  लोई बनाइये, लोई को सूखे आटे (परोथन) में लपेटिये. अब लोई को 5-6 इंच के व्यास में  बेलिये.
बेली गई रोटी को तवे पर डालिये और नीचे की सतह पर हल्का सा सिकने पर पलट दीजिये दे दूसरी सतह पर सिकने के बाद तवे से उतारकर आग पर रखते हुये रोटी को घुमा घुमा कर दोनों ओर ब्राउन चित्ती आने तक सेकिये. सेकी हुई रोटी  पर घी लगाकर रखते जाइये. 
मिस्सी रोटी  तैयार हैं, गरमा गरम मिस्सी रोटी अपनी मन पसन्द सब्जी,  चटनी और अचार के साथ  खाइये.

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

Saturday 20 October 2012

स्पॉंजी रसगुल्ले


स्पॉंजी रसगुल्ले


बंगाली स्पॉंजी रसगुल्ले बहुत ही टेस्टी होते है और मुह मे रखते ही घुल जाते है, आज हम बंगाली स्पंज रसगुल्ले बनायेंगे लेकिन इन्हे जल्दी बनाने के लिये कुकर मे बनायेंगे.

आवश्यक सामग्री - 

दूध - 1 लीटर 
चीनी - 300 ग्राम 
नीबू का रस - दो नीबू का रस 

विधि - 
किसी बर्तन मे दूध डालकर गरम करने के लिये रखिये. दूध में उबाल आने पर दूध को उतार लीजिये, और थोड़ा सा ठंडा कर लीजिये मतलब दूध को 80 प्रतिशत तक गरम रहने दीजिये. नीबू के रस में जितना रस है, उतना ही पानी मिला दे अब .

दूध में  1 - 1 टेबल स्पून करके नीबू का रस डाले और मिक्स करे, दूध के अच्छी तरह फटने तक नीबू का रस डालते जाइए और मिक्स करते जाइये, जब दूध अच्छी तरह फट जाय रस डालना बन्द कर दीजिये, और फटे हुये दूध को किसी सूती कपड़े से छान लीजिये. छैना कपड़े में रह जायेगा. छैना के ऊपर 1-2 कप ठंडा पानी डालिये, छैना ठंडा भी हो जायेगा और छैना से नीबू का खट्टा स्वाद भी निकल जायेगा. कपड़े को चारों ओर से उठाकर, हाथ से छैना को दबाते हुये छैना से सारा पानी निचोड़ दीजिये.  सॉफ्ट छैना बनकर तैयार है.

अब छैना को किसी बर्तन में निकालिये, हाथ से छैना को दबाते हुये, पलट पलट कर 4-5 मिनिट तक मल कर नरम और चिकना कीजिये. अब छैना को 10 - 12, भागों में बांट लीजिये. एक भाग उठाइये और हाथ से लड्डू की तरह दबाकर पहले उसे बाइन्ड कीजिये, और अब गोल आकार देकर चिकना कीजिये. सारे गोले बनाकर तैयार कर लीजिये.

रसगुल्ले कुकर में पका लीजिये, कुकर में रसगुल्ले बहुत जल्दी पक जाते हैं रसगुल्ले पकाने के लिये, ज्यादा तापमान की आवश्यकता होती है..

अब कुकर में चीनी, 4 कप पानी डालिये, इसमे उबाल आने दीजिये, उबाल आने पर छैना के बने गोले कुकर में एक एक करके डालिये, और कुकर का ढक्कन बन्द कर दीजिये. 1 सीटी आने के बाद, गॅस को थोड़ा कम कर दिजिये, और रसगुल्ले को 7-8 मिनिट तक पकाने के बाद गॅस बन्द कर दीजिये.

कुकर को नल के नीचे लगा दीजिये, ताकि वह जल्दी से ठंडा हो जाय और खुल जाय. सावधानी से ढक्कन खोलिये, कुकर से रसगुल्ले चाशनी के साथ निकाल कर किसी प्लेट में रखिये और रसगुल्ले को 5-6 घंटे के लिए ठंडे होने दीजिये, फिर इन्हे ठंडा ठंडा परोसिये और खाइये.

स्पंज रसगुल्ले को आप फ्रिज में 7 दिन तक रख सकते हैं.

नोट:
(1) छैना के गोले अगर उबलते पानी में न डाले जायें तो बे टूट कर बिखर जाते हैं. रसगुल्ले उबालते समय पानी में हमेशा उबाल रहना आवश्यक है. 
(2) छैना बनाने के लिये दूध को थोड़ा ठंडा अवश्य करें. एसा करने से छैना नरम बनता है, और रसगुल्ले अच्छे स्पंजी बनते हैं.छैना अगर सख्त हो तो रसगुल्ले भी सख्त बनेगे या बिखर जाएँगे.

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

टोमॅटो सूप


टोमॅटो सूप :-


टोमॅटो सूप  बहुत ही स्वादिष्ट व पोष्टिक होता है.  सर्दियो मे टोमॅटो सूप पीने का मज़ा ही कुछ ओर होता है. आइये आज टोमॅटो सूप  बनाते हैं.

आवश्यक सामग्री -

टमाटर - 500 ग्राम
अदरक - 1 इंच लम्बा टुकड़ा
नमक - स्वादानुसार ( काला व सफेद )
काली मिर्च पाउडर - आधा छोटी चम्मच
कोर्न फ्लोर - 2 टेबिल स्पून
 फ्रेश क्रीम - 2 टेबिल स्पून

विधि -

टमाटर को  धोकर दो टुकड़ो मे काट कर अदरक के साथ कुकर मे एक गिलास पानी के साथ उबलने रखे ,एक सीटी के बाद बंद कर दे अब इसे ब्लेंडर या मिक्शी की सहायता से पीस ले. सूप छानने वाली छलनी से छान लीजिये.
कार्न फ्लोर को 4 टेबिल  स्पून पानी में घोल ले ओर, गुठलियां न पड़ने दें.  अब पानी बढ़ा कर 1 कप कर लीजिये.
कढ़ाई में कार्न फ्लोर का घोला हुआ पानी, छने हुये टमाटर का सूप, नमक और काली मिर्च पाउडर डाल दें. आवश्यकतानुसार पानी मिला दीजिये, उबाल आने के बाद 4-5 मिनिट तक पकायें.

अब आपका टोमॅटो सूप तैयार है, इसमे ब्रेड क्यूब्स व फ्रेश क्रीम डाल कर सर्व करे.

 मात्रा :- चार लोगों के लिये.

 समय :-  20 मिनट

नोट:   पहले हम कम पानी इस लिये लेते हैं क्योंकि ज्यादा पानी में कार्न फ्लोर घोला जायेगा तो गुठलियां पढ़ने की सम्भावना अधिक रहती है

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Friday 19 October 2012

नारियल के लड्डू


नारियल के लड्डू


ये तुरत फुरत बनने बाले लड्डू हैं, और स्वाद में भी बेजोड़ है. आप दिवाली जैसे त्योंहार पर भी नारियल के लड्डू बना सकते हैं.
नारियल के लड्डू कच्चे नारियल या सूखे नारियल दोनों से बनाये जा सकते है.

आवश्यक सामग्री - 

नारियल (कद्दूकस किया) - 250 ग्राम
खोया (मावा) - 250 ग्राम
बूरा  - 300 ग्राम
मेवा कटे हुए - आधा कप काजू, बादाम, चिरोंजी, किसमिस
छोटी इलाइची पाउडर - एक छोटी चम्मच

विधि - 

सबसे पहले खोया को कढ़ाई में डालकर हल्का ब्राउन होने तक भून लीजिये. भुना खोया जब हल्का गरम रह जाय तब उसमे बूरा,  नारियल (थोड़ा सा नारियल का चूरा बचा ले ये लड्डू के ऊपर लपेटने के काम आएगा), इलाइची डाल कर मिश्रण तैयार कर लीजिए और इसके लड्डू बना लीजिए, इनको नारियल के चूरा में लपेट कर, थाली में या एक डिब्बे मे रख लीजिये.

अब आपके नारियल के लड्डू तैयार हैं. नारियल के लड्डू लड्डू आप फ्रिज में रखकर 7 दिन तक खा सकते हैं.

नोट: यदि कच्चा नारियल लें तो इसे कद्दूकस करने के बाद एक चमचा घी में अच्छी तरह भून लीजिये.

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ब्रेड की बालूशाही


ब्रेड की बालूशाही:-


                 बालूशाही तो सभी को पसंद होती है पर इस को बनाना इतना आसान नही होता इसलिए आज हम बनाएगे ब्रेड की बालूशाही. दीवाली पर बनाने के लिए यह रेसिपी बहुत ही आसान ओर टेस्टी है.


सामग्री : 
10 से 12 स्लाइस ब्रेड -  सैंडविच वाली वाइट ब्रेड
250 ग्राम -  चीनी
200 ग्राम -  मावा या खोया
1/4 कटोरी -  कटे बादाम व पिस्ते
थोड़ी सी - केसर
1 चम्मच- चिरोंजी
 इलायची पाउडर- 1/२ छोटी चम्मच
 तलने के लिए - घी

विधि : 
एक कड़ाही में मावे को गुलाबी होने तक हल्का भून ले . अब इसमे  ड्रायफ्रूट्‍स और ‍इलायची पाउडर मिला ले. अब ब्रेड के ब्राउन किनारे चाकू की सहायता से काट कर निकाल दे.  दूध को एक गहरी प्लेट में निकले ओर इसमे ब्रेड को हल्का-सा भिगोकर   उसे हाथ पर रखे ओर उसमें थोड़ा-थोड़ा खोए का मिश्रण भरें। हाथ से दबाकर ब्रेड को इस प्रकार बंद करे जैसे हम ब्रेड रोल को करते है. अब इसे हाथ से हल्का सा दबाकर बालूशाही का आकार (थोड़ा चपटा कर दे) दें।

इसी तरह से सभी बालूशाही तैयार कर ले. अब एक-दो बूंद दूध में केसर को भिगोकर हर बालूशाही के बीच में अंगूठे से हल्के-से दबाते हुए टीका लगा दें। अब चीनी की दो तार की चाशनी बना लें। कड़ाही मे घी गरम करे ओर सभी बालूशाही को सुनहरी होने तक तल लें। अब तैयार बालूशाही को चाशनी में डाल दें। थोड़ी देर बाद चाशनी से निकाल कर लाजवाब ब्रेड की बालूशाही कटे पिस्ते व चाँदी के वरक से सज़ा कर पेश करें।

नोट;- चासनी से बालूसाही को 4-5 मिनिट मे निकाल ले ज़्यादा देर तक छोड़ने पर ये ज़रूरत से ज़्यादा नरम हो कर टूट सकती है.

Thursday 18 October 2012

पेड़े (मथुरा वाले)


पेड़े (मथुरा वाले)


जिसने खाए है वो यही कहता है कि मथुरा के पेड़े से अच्छा और स्वादिष्ट पेड़ा कहीं और नहीं मिलते, ये आम पेड़ों से अलग ब्राउन रंग के होते है. तो आईये आज हम आपको मथुरा जी के पेड़े बनाना सीखते हैं.

पारम्परिक मथुरा जी के पेड़े बनाने के लिये मावा और पीसी हुई चीनी का उपयोग होता है,  मावा और पीसी हुई चीनी आप बाजार से ला सकते हैं ध्यान दे कि मावा दानेदार लेकर आयें और पीसी हुई चीनी (बूरा) आप घर पर बना सकते है, ये भी दानेदार होना चाहिए.

मथुरा जी के पेड़े बनाते समय मावा को अधिक से अधिक भूना जाता है.  मावा भूनते समय बीच बीच में थोड़ा थोड़ा दूध या घी डालते रहते हैं जिससे इसे अधिक भूनना आसान हो जाता है. भूनते समय मावा जलता नहीं और मावा का कलर हल्का ब्राउन हो जाता है, मावा जितना अच्छा भुनता है स्वाद भी उतना ही अच्छा होता है. आइये बनाना शुरू करते हैं मथुरा के पेड़े.

आवश्यक सामग्री -

खोया या मावा - 250 ग्राम
पीसी हुई चीनी (बूरा) - 250 ग्राम
घी - 2 टेबल स्पून या 1/4 कप दूध
छोटी इलाइची पाउडर - एक बड़ा चम्मच

विधि -

कढ़ाई में मावा डाल कर भूनिये (कढ़ाई भारी तले की होनी चाहिए),भूनते समय लगातार कलछी से चलाते हुये भूनिये मावा कढ़ाई में लगना नहीं चाहिये, जब मावा भुनते भुनते रंग बदलने लग जाय तब उसमें थोड़ा थोड़ा सा घी या दूध मिलाते रहिये और चला चला कर तब तक भूनिये जब तक कि वह ब्राउन कलर का न हो जाय. मथुरा के पेंडो के लिए मावा ब्राउन कलर का होना चाहिए.

मावा को ठंडा होने दीजिये, जब ये ठंडा हो जाय तब उसमें 200 ग्राम बूरा डाल कर अच्छी तरह मिलाइये, इलाइची पाउडर भी इस मिश्रण में मिला दीजिये. साधारण पेड़ों की तुलना मे मथुरा के पेड़ों मे इलायची ज़्यादा होता है. पेड़े का मिश्रण तैयार है.

बचा हुआ 50 ग्राम बूरा एक प्लेट में निकालिए. मिश्रण से थोड़ा सा मिश्रण एक छोटे नीबू के बराबर निकालिये और हाथ में लेकर गोल  करके, हाथ से दबा कर, पेड़े का आकार दीजिये,  पेड़े को प्लेट में रखे हुये बूरे में लपेटिये और अपने दोंनो हाथों की हथेलियों से पेड़े को हल्का सा दबाकर प्लेट में रखते जाइए, आपके लाजबाव मथुरा के पेड़े तैयार हैं.

पेड़े को 2-3  घंटे के लिये खुले पंखे की हवा में छोड़ दीजिये, ये थोड़े खुश्क हो जायेंगे.  अब आप इनको एअर टाइट कन्टेनर में भर कर, फ्रिज में रख दीजिये. यदि मावा अच्छी तरह भूना गया है तो ये पेड़े आप 15 दिन भी रख कर खा सकते हैं. सर्दियों के दिनों मे आप इन्हे बाहर हो रख सकते है.

नोट: मथुरा के पेड़े पारंपरिक तरीके से गाय के दूध के खोए से बनाए जाते है, यह उपलब्ध ना होने पर भैस के दूध का खोया भी इस्तेमाल कर सकते है.

केले के कटलेट्स


केले के कटलेट्स




खाने से पहले अगर आपका कुछ हल्का खाने का मन करे तो आप कच्चे केले के कटलेट्स बना सकते हैं. कच्चे केले के कटलेट्स आप व्रत रखते हुये फलाहार के रूप में भी ले सकते हैं.

आवश्यक सामग्री - 
कच्चे केले (उबाले हुए) - 4 -5
आलू उबला हुआ - 3 -4
सिघाड़े या कूटू का आटा - 2 -3 टेबल स्पून
सैधा नमक - स्वादानुसार
हरी मिर्च - 1-2 या स्वादानुसार, बारीक कटी हुई
अदरक -  1 इंच अदरक टुकड़ा कद्दूकस किया हुआ
काली मिर्च पाउडर - एक चौथाई छोटी चम्मच
हरा धनियां बारीक कतरा हुआ -एक टेबल स्पून
घी - तलने के लिये.

विधि -

उबले हुए केले को ऊपर से छिलका उतारकर मैस कर लीजिये, आलू को छीलिये, मैस कर लीजिये (आप केले और आलू दोनो को कद्दूकस भी कर सकते है). दोनो को मिला लीजिए अब इसमे नमक, काली मिर्च और हरा धनियां डालिये, मिश्रण में 2 टेबल स्पून सिघाड़े या कूटू का आटा डाल कर अच्छी तरह मिलाकर इस मिश्रण को गूथे गये आटे जैसा बना लीजिये.

कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये, उपर तैयार किए हुए मिश्रण से नीबू के बराबर आटा तोड़िये और अपनी मन पसन्द आकार के टिकियाँ बनाकर गरम तेल में डालिये, एक बार में 3-4 कटलेट बनाकर तले जा सकते हैं,  कटलेट को पलट पलट कर ब्राउन होने तक तलिये, अब इन तले हुये कटलेटों को कढ़ाई से निकालिये और किसी प्लेट में रखिये, इसी प्रकार सारे कटलेट तल कर तैयार कर लीजिये.

ताजे दही और हरे धनिये की चटनी, मीठी चटनी के साथ केले के कटलेट परोसिये और खाइये.

नोट - (1) अगर आप फ्राइड कट्लएट्स ना खाना चाहे मिश्रण में सिघाड़े या कूटू मिलाने की ज़रूरत नही है और कढ़ाई के स्थान पर तवा (नेनस्टिक) इस्तेमाल करे और तवे पर थोड़ा सा घी डालकर उसपर चपटा किए हुए टिंकियो को सिकने के लिये रखिये.  दोनों ओर पलट पलट कर ब्राउन होने तक सेक कर कटलेट निकाल कर प्लेट में रख लीजिये, सारे कटलेट इसी तरह सेंक कर तैयार कर लीजिये. आपके केले के कटलेट तैयार हो जाएँगे.

(2) यदि आप इसे फलाहार के रूप में न लेना चाहें तो सैंधा नमक के स्थान पर सामान्य नमक और सिंघाड़े या कूटू के आटे की जगह कार्न स्टार्च या बेसन का प्रयोग करें.

(3) केले या आलू के कटलेट वगैरह बनाते समय आलू को उबालने के तुरन्त बाद प्रयोग न करें. इन्हें या तो रात को हो उबाल कर रख दे या एक घंटे के लिये फ्रिज में रख दें तो आपके कटलेट बहुत अच्छे बनेंगे.

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Wednesday 17 October 2012

लौकी की खीर


लौकी की खीर


व्रत मे कुछ मीठा तो सभी को चाहिए खाने मे तो हम आपको आप लौकी की खीर बनाना सिखाते है, ये बहुत ही आसान और फटाफट बनने वाली रेसीपी है।

आवश्यक सामग्री-

1 कप - कद्दूकश की हुई लौकी
1 कप - चीनी या स्वादानुसार
1 लीटर - दूध
½ चम्‍मच - इलायची पाउडर
1 चम्‍मच - किशमिश
1 चम्मच - चिरोन्जी
2 चम्मच - कटे हुए काजू ,बादाम

विधि-

दूध को उबलने के लिए गॅस पर रखे और  जब दूध मे उबाल आ जाए तो उसमें घिसी हुई लौकी मिलाएं। 20 मिनट तक   धीमी आंच पर पकाए ओर बीच बीच में चलाती रहें।

जब दूध गाढा हो जाए तब दूध में चीनी मिला कर पांच - सात मिनट तक पकने दें। उसके बाद इसमें  मेवे और इलायची पाउडर डाल कर मिलाए .इसे ठंडा या गरम जैसे चाहे खाए.

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सिंघाड़े या कूटू के आटे के पकौड़े


सिंघाड़े या कूटू के आटे के पकौड़े


व्रत के दिनो मे आपको ज़रूर कुछ नमकीन खाने की इच्छा होती होगी, तो हम आपको सिंघाड़े या कूटू के आटे के पकौड़े बनाना सिखाते है..

आवश्यक सामग्री - 

सिघाड़े या कूटू का आटा - 200 ग्राम
आलू - 200 ग्राम
सेंधा नमक - आधा छोटी चम्मच या स्वादानुसार
काली मिर्च - आधा छोटी चम्मच
हरा धनिया - एक टेबल स्पून बारीक कटा हुआ
हरी मिर्च - 2 बारीक कतरी हुई या स्वादानुसार
घी  - पकोड़े तलने के लिये

विधि - 

सबसे पहले आटे को एक बर्तन में निकाल कर थोड़ा पानी डाल कर कर अच्छी तरह फैट कर घोल बना लीजिये. इस घोल में सेंधा नमक, काली मिर्च, हरा धनियां और हरी मिर्च डाल कर मिला लीजिए और घोल को 5-7 मिनिट के लिये रख दीजिये. इससे घोल का आटा अच्छी तरह फूल कर तैयार हो जाएगा.

अब आलू को छील कर धोइये और पतले - पतले टुकड़ों में काट लीजिये.

कढ़ाई में घी डालकर गरम कीजिये.  अब आटे के घोल में कटे हुये आलू मिलाइये और चम्मच या हाथ से उठाकर घोल मे लपेटे हुए आलू गरम घी में धीरे से डालिये.  एक बार में 5-6 पकोड़े या जितने पकोड़े आसानी से तले जा सकें, कढ़ाई में डाल दीजिये, पकोडों को उलट पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिए. फिर इन तले हुये पकोड़े को प्लेट में निकाल लीजिए, ईसीप्रकार से सारे पकोड़े तल लीजिये.

अब आपके कूटू के या सिंघाड़े के आटे के पकोड़े तैयार हैं.  इन पकोड़ों को  धनिया टमाटर की चटनी या दही के साथ खाइये (चटनी की रेसिपी आप हमारे ब्लॉग से ले सकते है उसमे साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक डाल ले. CLICK HERE for चटनी की रेसिपी ) .

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Tuesday 16 October 2012

सिघाड़े की मीठी बरफी


सिघाड़े की मीठी बरफी


नवरात्रीव्रत के अवसर पर सिघाड़े की मीठी बरफी (कतली) बनाई जाती है. यह कतली बड़ी स्वादिष्ट होती है, इसे बनाना भी आसान है आइये सिघाड़े के आटे की मीठी बरफी बनायें.

आवश्यक सामग्री - 

सिघाड़े का  आटा - 100 ग्राम
घी - दो टेबल स्पून
चीनी - 100 ग्राम
इलाइची पाउडर - 1/2 छोटी चम्मच

विधि - 

सबसे पहले कढाई में घी को डाल कर गरम कीजिये. इसमे सिघाड़े का आटा डाल कर हल्का गुलाबी होने तक चलाते हुए भुनिए.
जब आटा भुन जाए तो इसमें तीन गुना पानी और चीनी, इलायची पाउडर मिलाकर चमचे से लगातार चलाते हुए मिलाइए. इसको उबाल आने के बाद लगभग 5 मिनिट तक पकाइये. ये गाड़ा हलुआ जैसा बन जायेगा.

अब एक थाली को घी लगा कर चिकना कीजिये और इसमे तैयार हलुवा डालकर लगभग आधा इंच की मोटाई में फैला कर जमा दीजिये.
जब ये ठंडा होकर जम जाए तब चाकू से अपने मनपसन्द आकार में काट लें.

बरफी को प्लेट में निकालिए और खाइये.

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

Monday 15 October 2012

कुट्टू के आटे की आलू वाली पूरी


कुट्टू के आटे की आलू वाली पूरी



व्रत के दिनों में सामान्य आटे के स्थान पर कुट्टू के आटे  का प्रयोग किया जाता है. कुट्टू के आटे की सादा पूरी तो आपने कई बार बनाई होगी पर आज हम कुट्टू के आटे की पूरी आलू डालकर बनायंगे.

कुटू के आटे को अकेला गुंथना कठिन होता यदि हम इसमे आलू मिला लेते है तो ये आसानी से गूंथ कर बेला जा सकता है. आलू से पूरियां ज़्यादा खस्ता भी बनतीं है.

आवश्यक सामग्री - 

कूटू के आटा - 1 कप
उबले आलू - दो मध्यम आकार के
नमक सैंधा - 1/2 छोटी चम्मच या स्वादानुसार
कालीमिर्च पाउडर - आधी छोटी चम्मच
हरा धनियां - 2 टेबल स्पून बारीक कटा हुआ
घी - पूरियाँ तलने के लिए

विधि - 

कूटू के आटे को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये, उबले आलू को छीलिये और मैस कीजिये, आटे में मिलाइये, सैंधा  नमक, कालीमिर्च पाउडर और हरा धनिया मिलाइये. सभी चीजों को मिलाते हुये सख्त पूरी के आटे जैसा आटा गूथिये. आटा गुंथने के लिए पानी को बहुत थोड़ा थोड़ा करके डालिए वरना आटा ज़्यादा गीला हो जाएगा.

अब इस गुंथे हुये आटे को 20 मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये इससे आटा अच्छा चिकना हो जाएगा. अब आटे की छोटी छोटी लोइया यानी गोले बना कर रख लीजिये.

अब कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये. एक गोला उठाइये, कूटू के सूखे आटे में लपेटिये और चकले पर रख कर लगभग 3 इंच के व्यास में बेल लीजिये. पूरी को गरम घी में डालिये और दोनों तरफ ब्राउन होने तक तलिये. सारी पूरी इसी तरह तल कर तैयार कर लीजिये.
लीजिए आपकी आलू वाली कूटू के आटे की पूरियां तैयार हैं.  गरमा गरम पूरियां धनिया टमाटर की चटनी या दही के साथ खाइये (चटनी की रेसिपी आप हमारे ब्लॉग से ले सकते है उसमे साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक डाल ले. CLICK HERE) .

नोट: यदि आप चाहे तो उबले आलू के स्थान पर उबली अरबी का प्रयोग भी कर सकते.

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

साबूदाने की खिचड़ी (व्रत वाली)


साबूदाने की खिचड़ी (व्रत वाली)


व्रत मे मीठा खाने से हम बोर हो जाते है इसलिए आज हम आपको बनाना सिखाएगें साबूदाने की व्रत वाली खिचड़ी। ये काफ़ी आसानी से बनने वाली डिश हे जो आपके परिवार को बहुत पसंद आएगी।

आवश्यक सामग्री-
एक कप - साबूदाना भिगोया हुआ,
आधा कप - मूँगफली दाना
दो आलू उबले - छोटे टुकड़ों मे कटा हुआ,
एक बड़ा टमाटर - छोटे टुकड़ों मे कटा हुआ
चार चम्‍मच - देशी घी,
आधा चम्‍मच - जीरा,
दो हरी मिर्च- बारीक कटी हुई,
एक बड़ा चम्मच - हरा धनिया बारीक कटा हुआ,
एक बड़ा चम्मच - नींबू का रस
स्वादानुसार - सेंधा नमक, विधि-
आधी छोटी चम्मच या स्वादानुसार - काली मिर्च पाउडर,

विधि-

खिचड़ी बनाने से कम से कम आधा घंटा पहले साबूदाने को पानी में भिगो लीजिए (भिगोते समय पानी सिर्फ इतना डालिये कि साबूदाना इसमें डूब जाये लेकिन सतह पर पानी अधिक ऊपर तक तैरता न रहे.)  खिचड़ी बनाने से पहले साबूदाने को हाथ में हल्का सा दबा कर उसका पानी निकल लें . इसके बाद कढ़ाई में घी गरम कर उसमें मूँगफली दानो को हल्का भूरा होने तक तले और फिर उसे निकाल लें। उसके बाद घी में जीरा डालिए जीरा ब्राउन होने के बाद इसमे आलू, टमाटर, हरी मिर्च डाल कर उसे लगभग २ मिनिट फ्राई करें। फिर उसमें साबूदाना डाल कर मिलाए और मूँगफली दाना, काली मिर्च पाउडर, सेंधा नमक डाल कर मिला दे और इसे ढककर लगभग 5 मिनट तक पकाएं। बीच मे इसे एक दो बार चला दे ताकि ये कड़ाई मे चिपके नही. तैयार खिचड़ी मे नींबू का रस डाल कर मिला लीजिए.

लीजिये अब आपकी खिचड़ी तैयार हो गई है, अब इसे हरे धनिये से सजा कर गरमा गरमा परोंसे.

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

Sunday 14 October 2012

आलू का भरवां मीठा परांठा (व्रत के लिए )


आलू का भरवां मीठा परांठा (व्रत के लिए )


व्रत में खाने के लिए कुछ नया और अलग हो तो सब को मज़ा आ जाएगा. तो आइये आज हम आलू का भरवां मीठा परांठा बनाते है.

आवश्यक सामग्री :
200-200 ग्राम  - सिंघाड़े व राजगिरे का आटा
500 ग्राम- आलू
1/2 कटोरी -शक्कर
आधा छोटी चम्मच - इलायची पावडर
4-5 केसर के लच्छे
घी- 4-6 चम्मच

विधि :

पहले आलू को उबाल कर, छिल कर मैश कर ले. अब एक कड़ाही में धीमी आंच पर दो चम्मच घी गरम करें व इसमें मेश आलू डाले ओर पांच-सात मिनट तक भूनें और शक्कर मिलाएं व लगातार हिलाते हुए पांच मिनट तक ओर भूनें। इसके बाद इलायची पाउडर, केसर डालकर हिलाएं और आंच से उतार लें।

अब राजगिरे व सिंघाड़े का आटा मिलाकर गूंथ लें। तैयार पिट्ठी ठंडी होने पर की गोलियां बना लें। पूरी जितनी लोई बेलकर आलू की पीठी भरें ओर  मुंह बंद कर बेलें और ‍दोनों तरफ घी लगाकर तवे पर धीमी आंच पर सेकें। गरमा-गरम आलू का भरवां मीठा परांठा तैयार है.

इस पराठे को आप ताजे दही के साथ खाए.

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

Saturday 13 October 2012

पनीर व सिंघाड़े का फलाहारी दही भल्ला (व्रत के लिए)


पनीर व सिंघाड़े का फलाहारी दही भल्ला (व्रत के लिए)


नवरात्री आने वाली है, व्रत में खाने के लिए कुछ नया और अलग हो तो सब को मज़ा आ जाएगा. तो आइये आज हम पनीर व सिंघाड़े का फलाहारी दही भल्ले बनाते है.

आवश्यक सामग्री :
आधा कप - पनीर,
एक कप - सिंघाड़े का आटा,
एक कप - उबले मैश आलू,
दो बड़े चम्मच - दरदरे पिसे काजू ,
एक बड़ा चम्मच - किशमिश
एक  - बारीक कटी हरी मिर्च,
दो कप - फेंटा दही ताज़ा
स्वादानुसार- सेंधा नमक,
एक बड़ा चम्मच - शक्कर पीसी हुई,
एक बड़ा चम्मच - भुना जीरा पावडर,
एक बड़ा चम्मच - अनार के दाने
तलने के लिए पर्याप्त मात्रा में तेल।

विधि :
सबसे पहले पनीर को कद्दूकस करके इसमें मैश आलू, काजू, किशमिश, हरी मिर्च, व सेंधा नमक मिला लें। इस मिश्रण के  छोटे-छोटे गोले बना लें।

अब सिंघाड़े के आटे का थोड़ा गाढ़ा घोल बनाए (घोल न तो बहुत पतला हो न ही बहुत गाढ़ा). गॅस पर कड़ाई मे तेल गर्म करें और तैयार गोलों को घोल में डुबोकर गरम तेल में सुनहरे होने तक तल लें। इसी प्रकार सारे गोले (भल्ले) तल लीजिए.

दही में शक्कर मिला कर अच्छे से फेंट ले. अब एक प्लेट में भल्ला परोस कर उसके उपर दही डालें और भुना जीरा पावडर व अनारदाने डालकर सज़ा ले.  चाहे तो आप एक चम्मच बारीक कटा हुआ धनिया भी उपर से सजाने के लिए इस्तेमाल कर सकते है.

आपके स्वादिष्ट दही भल्ले तैयार है.

नोट: (1) आप इसमे अदरक भी मिला सकते. इसके लिए एक लगभग आधा इंच के टुकड़े को कद्दूकश करके पनीर इत्यादि के मिश्रण मे ही मिला ले और फिर गोले बनाए.
 

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.

रबड़ी


रबड़ी




रबड़ी   उत्तर भारत में अधिक पसंद की जाती हैं. रबड़ी का स्वाद लाजबाव होता है. खाना खाने के बाद रबड़ी खाने का मज़ा  कुछ और ही है. इसे  मालपुआ, जलेबी और इमरती के साथ भी खाते हैं.
आइये आज हम रबड़ी बनाए.

आवश्यक सामग्री - 

दूध - 1 लीटर फुलक्रीम
चीनी -50 ग्राम
छोटी इलाइची - 2-3 (छील कर कूट लीजिये)

विधि - 

 रबड़ी बनाने के लिए कढ़ाही भारे तले की होनी चाहिये. दूध को कढ़ाही में डालकर गरम करने रखिये, दूध में उबाल आने पर गैस धीमी कर दीजिये.

दूध पर मलाई की हल्की परत  जैसे ही आये कलछी से उठाकर, कढ़ाही के किनारे लगा दीजिये. थोड़ी देर बाद फिर से दूध के ऊपरी सतह पर मलाई आ जाएगी इसे भी उठाइये और किनारे पर लगा दीजिये.  दूध को धीमी गैस पर  उबलने दीजिये और  मलाई की परत को कढ़ाही के किनारे लगाते रहिये.  कढ़ाही के किनारे जमी मलाई की परत सूख कर खुश्क होती रहेगी,  बार बार यही करना है, जब मलाई कढ़ाही के चारों ओर इकठ्ठी हो जाय और कढाई में दूध गाड़ा होकर एक तिहाई ही बचे तो बचे दूध में  चीनी और इलाइची पाउडर मिलाइये और  लगभग2 मिनिट बाद गैस बन्द कर दीजिये   कलछी से कढ़ाही के किनारों से मलाई खुरचकर निकालिये और उस गाड़े दूध में ही मिला दीजिये. खुरची हुई मलाई की परत (खुरचन) को दूध में मिलाते समय अधिक मत चलाईये ताकि रबड़ी में खुरचन की गांठे पड़ी रहें. लीजिये रबड़ी तैयार हो गई है. रबड़ी को किसी बरतन में निकालिये और फ्रिज में रख कर ठंडा कीजिये, खाना खाने के बाद ठंडी ठंडी रबड़ी खाइये.

रबड़ी को फ्रिज में रखकर 2 दिन तक खा सकते हैं.

 नोट:- (1) रबड़ी बनाते समय ध्यान रहे कि चमचे से मलाई निकालने के बाद  दूध को भी तले तक  चला दीजिये, दूध कढ़ाई के तले में नहीं लगना चाहिये, गैस को तेज न रखे, नहीं तो जो मलाई किनारे पर लगा कर रखी है वह जल जायेगी.
(2) यदि आप चाहे तो रबड़ी के उपर कतरा हुआ पिसता डाल कर भी सर्व कर सकते.
(3) अगर रबरी जलेबी या मालपुए के साथ खाने के लिए बनाए तो चीनी की मात्रा थोड़ी कम कर दीजिए .
 

Thursday 11 October 2012

गोभी मटर मसाला


गोभी मटर मसाला




आज कल गोभी और मटर का सीजन आ गया है तो आइये आज बनाते है मसालेदार गोभी मटर मसाला. इस मसालेदार सब्जी को आप मेहमआनो के लिए भी परोस सकते है.

आवश्यक सामग्री - 

फूल गोभी - 1 मीडियम साइज़ का
हरी मटर के दाने - लगभग 1 कप
टमाटर - 2 -3 मीडियम साइज़
प्याज - 2 मीडियम साइज़
लहसुन - 2-3 कलियाँ
हरी मिर्च - 1-2
अदरक - आधा इंच लम्बा टुकड़ा
मूंगफली के दाने - एक टेबल स्पून
तेल - एक से डेड बड़ा चमचा
जीरा - एक चौथाई छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर - आधा छोटी चम्मच
धनियां पाउडर - 1 छोटी चम्मच
नमक - स्वादानुसार
लाल मिर्च - आधा छोटी चम्मच या स्वादानुसार
गरम मसाला - आधा छोटी चम्मच
फ्रेश मलाई - 1 बड़ी चम्मच
हरा धनियां - एक टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)

विधि -
फूल गोभी को मोटे टुकड़ों में काट लीजिये . गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक डालकर उसमे गोभी के टुकड़ों को डाल कर 10 मिनिट के लिये रख दीजिये, अब ये पानी हटाकर साफ पानी से गोभी को धो लीजिये. मटर के दाने भी धो लीजिये. प्याज, लहसुन को छीलकर बड़े टुकड़ों मे काट ले, टमाटर, हरी मिर्च, अदरक धोइये और बड़े टुकड़ों में काट लीजिये, छिले हुये मूंगफली के दाने, इन सब को बारीक पीस कर मसाला तैयार कर लीजिये. इस पिसे मसाले मे हल्दी पाउडर, धनियां पाउडर, लाल मिर्च, नमक भी मिला लीजिए.

अब कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये, तेल में जीरा डालिये, जीरा तड़कने पर पिसा हुआ मसाला व मलाई डाल कर चमचे चला चला कर मसाले को तब तक भूनिये जब तक कि मसाले के ऊपर तेल न तैरने लगे.
भुने मसाले में कटे हुये गोभी और मटर के दाने डाल कर 2 मिनिट भूनिये, एक कप पानी डालकर सब्जी को ढककर लगभग 10 मिनिट के लिये धीमी गैस पर पकाइये. ढक्कन खोलिये और देखिये कि मटर के दाने और गोभी के टुकड़े थोड़े नरम हो गये हैं, अगर गोभी आपको हल्का नरम न लग रहा हो तब सब्जी को चमचे से चलाइये, पानी कम लग रहा तो थोड़ा पानी भी डाल सकते हैं और सब्जी को फिर से ढककर थोड़ी देर और पका लीजिये. (इन सब्जियों को मैश न होने दें). ढक्कन खोलिये सब्जी में गरम मसाला और आधा हरा धनियां मिला दीजिये.

ये लीजिये गोभी मटर मसाला तैयार है, सब्जी को प्याले में निकालिये और ऊपर हरा धनियां डाल कर सजाइये. गरमा गरम गोभी मटर मसाला, नान, चपाती, परांठे, चपाती या चावल के साथ परोसिये और खाइये.

नोट : (1) आप सब्जी में प्याज, लहसुन नही डालना चाहते है तो मसाले के साथ प्याज, लहसुन मत लीजिये और बिलकुल उपरोक्त तरीके से मसाला भूनिये और सब्जी तैयार कर लीजिये.
(2) मलाई बाज़ार से लाने की आवश्यकता नही है, इसमे हमने घर की दूध के उपर से उतरी हुई मलाई इस्तेमाल की है.
 
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Tuesday 9 October 2012

फलों का रायता (व्रत के लिए)


फलों का रायता (व्रत के लिए)


व्रत के समय फलों का रायता बनाइये, यह बड़ा ही स्वादिष्ट होता है. इससे खाने का स्वाद और पाचन दोनों ही बढ जाएँगे.

आवश्यक समीग्री

केला - 1 मोटे गोल टुकड़े में कटा हुआ
सेब - 1 छील कर छोटे छोटे टुकड़े में कटा हुआ
अंगूर - 18 - 20 डंठल तोड़े हुए
अनार के दाने- आधा कटोरी
दही -  2 कप
चीनी - 2 -3 टेबल स्पून
इलायची पाउडर - चोथाई छोटी चम्मच

विधि     
सबसे पहले दही मे 2 -3 टेबल स्पून चीनी मिला कर फैट लीजिये. सारे फलों को दही में मिलाइये.  इलायची पाउडर रायते में मिला दीजिये. रायते को ठंडा होने के लिये फ्रिज में रख दीजिये.

आपका फलों का रायता तैयार है, ठंडा रायता परोसिये.

नोट:- (1) फलों का रायता बनाने के लिये आप अपने मन पसन्द कोई भी फल ले सकते हैं, जैसे आम, स्ट्रॉबेरी, आदि.
(2) आप इसमे दही की जगह फ्रेश क्रीम का इस्तेमाल भी कर सकते है, ये बाजार मे आसानी से पॅक्ड भी मिल जाती है.

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कूटू के आटे का चीला


कूटू के आटे का चीला


कूटू के आटे का उपयोग व्रत मे सभी करते है . कूटू के आटे का चीला बहुत अच्छा बन जाता हैं.  तो आइये कूटू के आटे का चीला बनाते है.

आवश्यक समीग्री

एक कप - कूटू का आटा छना हुआ
200 - ग्राम  अरबी
1 छोटी चम्मच नमक
आधा छोटी चम्मच काली मिर्च
एक टेबल स्पून - हरा धनियां कतरा हुआ

विधि

सबसे पहले कूटू का आटा छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये, अरबी धोकर उबाल लीजिये.  अरबी को छील कर, कद्दूकस करके, मैस कर लीजिये. कूटू के आटे में मिलाइये, थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर, आटे को घोलते जाइये, गुठलियां नहीं पड़नी चाहिये.
घोल को अधिक गाड़ा और अधिक पतला मत कीजिये. घोल को 15  मिनिट के लिये ढककर रख दीजिये.

अब घोल में 1 छोटी चम्मच नमक, आधा छोटी चम्मच काली मिर्च और एक टेबल स्पून कतरा हुआ हरा धनियां मिला लीजिये.
तबे को गैस पर रखिये, गरम कीजिये, एक बड़ा चमचा घोल तवे पर डालिये और चमचे से गोल गोल चलाते हुये पतला चीला फैलाइये. चीले की नीचली सतह ब्राउन होने तक सेक कर पलट दीजिये. दूसरी तरफ भी ब्राउन होने तक सेकिये. अब चीला तवे से उतार कर प्लेट में  रखिये.  सारे चीले इसी तरह बनाकर तैयार कर लीजिये.

लीजिए आपके कूटू के चीले तैयार हैं इन्हैं आप गरम गरम फ्राई आलू, चटनी, फलो के रायते या दही के साथ खा सकते है.

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आलू फ्राई (व्रत के लिए)


आलू फ्राई (व्रत के लिए)



व्रत मे आलू फ्राई कर के खाना बहुत अच्छा लगता हैं.  आलू छोटे हों तो साबुत ही फ्राई किये जा सकते हैं, यदि आलू बड़े हैं तो उनके  टुकड़े कर के फ्राई किये जा सकते हैं. आइये व्रत के लिये आलू फ्राई करें.


आवश्यक सामग्री 

आलू- 6-7 मीडियम साइज़ के
घी - 1 कप
जीरा - आधा छोटी चम्मच
व्रत का नमक - स्वादानुसार
काली मिर्च पाउडर - आधा छोटी चम्मच
नींबू का रस - दो छोटी चम्मच
हरा धनिया - दो चम्मच बारीक कटा हुआ
हरी मिर्च - एक बारीक कटी

विधि
 6-7 मीडियम आकार के आलू अच्छी तरह धोकर उबाल लीजिये,  इन्हे ठंडा कीजिये ओर छील लीजिये. अब घी कढ़ाई में डाल कर गरम कीजिये, गरम घी में आलू डाल कर डीप फ्राइ करे. हल्के  ब्राउन होने तक  तल कर प्लेट में निकाल ले.

एक टेबल स्पून घी बचाकर,अतिरिक्त घी निकाल दे. अब इस में जीरा डाले जीरा तड़कने के बाद आलू, हरी मिर्च, व्रत का नमक और आधा छोटी चम्मच काली मिर्च पाउडर डाल कर आलू 2-3 मिनिट तक भूनिये, गैस बन्द कर दीजिये, हरा धनियां और एक नीबू का रस डाल कर मिलाइये.  बस हो गये व्रत के लिये आलू तैयार हैं.  इन्हे गरमा -गरम परोसिये .

इसे कूटू के आटे की पूरी या चीले के साथ खाइए.


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हरे धनिए व टमाटर की चटनी


हरे धनिए व टमाटर की चटनी :-



                     सर्दियो के मोसम मे हम अक्सर पराठे बनाते है ,इनके साथ हरे धनिए की चटनी हो तो मज़ा दोगुना हो जाता है तो आइए आज हम हरे धनिए की चटनी बनाते है.

आवश्यक सामग्री :-

                 हरा धनिया - 25-30 ग्राम(एक छोटा गुच्छा)
                 हरी मिर्च - 2-3
                 टमाटर - एक बड़ा
                 जीरा - 1/2 छोटी चम्मच
                 नमक - स्वादानुसार

विधि :-

       हरे धनिए को साफ कर के धो ले ओर उसे मोटा- मोटा काट कर मिक्सी के जार मे डाले ,अब इसमे हरी मिर्च,टमाटर को भी बड़े टुकड़ो मे काट कर डाले. अब नमक,जीरा व आवश्यकता हो तो 2-4 चम्मच पानी डाल कर पीसे. लीजिए हो गयी आपकी चटनी तैयार.

नोट :-  इस चटनी मे आप 2 कालिया लहसुन व एक छोटा टुकड़ा अदरक भी डाल सकते है इससे बहुत अच्छा फ्लेवर आएगा साथ ही सर्दी मे ये स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है.

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सिघाड़े (कुटु) के आटे की कचौड़ियां


सिघाड़े (कुटु) के आटे की कचौड़ियां


नवरात्री आने वाली है, व्रत में खाने के लिए कुछ नया हो तो सब को मज़ा आ जाएगा. आइये आज हम सिघाड़े के आटे से कचौड़ियां बनाते है..

आवश्यक सामग्री - कूटू की कचोरी या सिंघाड़े की कचोरी


सिघाड़े (या कुटू) का आटा -  दो कप
आलू - 4 उबले,छिले हुये
हरी मिर्च - 2 बारीक कटी हुई
हरा धनिया - 2 चम्मच बारीक कटी हुआ
अदरक - एक इंच का टुकड़ा कद्दूकस किया हुआ
काली मिर्च पाउडर - एक चौथाई छोटी चम्मच
अमचूर - एक चौथाई छोटी चम्मच (यदि आप चाहें)
सैन्धा नमक (व्रत का नमक)- स्वादानुसार
घी - तलने के लिये

विधि :-

सिघाड़े का आटा छानिये, थोड़ा सा नमक और दो छोटी चम्मच घी डाल कर नरम आटा गूथ लीजिये.
आलू को कद्दूकस कर ले ओर हरी मिर्च, अदरक, हरा धनिया, काली मिर्च पाउडर, अमचूर पाउडर और सैन्धा नमक डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये, कचौड़ी के अन्दर भरने के लिये पिठ्ठी तैयार है.


कढ़ाई में घी डाल कर गरम करे. अब आटे से थोड़ा सा आटा तोड़िये, गोल कीजिये, दबा कर हथेली पर उंगलियों के सहारे से बड़ा कर लीजिये. बीच में एक छोटी चम्मच आलू रखिये और चारों तरफ से पूरी को उठाकर आलू को बन्द कीजिये.

आलू भरी लोई को हथेलियों से दबा दबा कर बड़ा कर लीजिये और गरम घी में डालिये . आप एक बार मे 2-3 कचौड़ियां एक बार में डाल कर, उलट -पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिये.  इसी तरह से बाकी कचौड़ियां भी तल ले.

गरमा गरम सिघाड़े (कुटु) के आटे की कचौड़ियां ताजे दही, हरे धनिए की चटनी (व्रत वाली) या साबूदाना खीर के साथ परोसिये .

नोट: हरे धनिए की चटनी की रेसिपी के लिए हमारी साइट देखे.

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Thursday 4 October 2012

घर पर घी बनाए


घर पर घी बनाए :-

 

 

 

                 हम सभी घी का उपयोग रोज़ाना करते है पर आज कल बाज़ार मे शुद्ध देसी घी मिलना बहुत मुश्किल है. आपने अक्सर मिलावटी या नकली घी के बारे मे सुना होगा. इसलिए आज हम आपको घर पर ही घी बनाने की विधि सिखाएगे. घी बनाना बहुत ही आसान है ओर इसमे ज़्यादा समय भी नही लगता साथ ही साथ आपकी ये समस्या भी ख़तम हो जाएगी की मलाई का क्या किया जाए क्योकि बच्चे इसे दूध मे पीना पसंद नही करते ओर बड़े वजन बढ़ जाने के डर से नही खाते.

विधि: 
घी बनाने के लिए हमे दूध (फुल क्रीम दूध) गरम करने के बाद उसको जाली ढककर रखना चाहिए ताकि उसके उपर मलाई आ जाए और ठंडा हो जाए जब दूध ठंडा हो जाए इसे फ्रिज मे रख दे .5 -6 घंटे बाद आप देखेंगे की मलाई काफ़ी मोटी हो गई है, अब इस मलाई को उतार कर किसी बड़े कटोरे मे इकट्ठा करे इस प्रकार 8-10 दिन (मलाई के मात्रा के अनुसार) मलाई को इकट्ठा कर ले. मलाई को हमेशा फ्रिज मे ही रखे अन्यथा वह खराब हो जाएगी. जिस दिन आप घी बनाना चाहे रात को मलाई को गॅस पर गरम करे (जैसे हम दही जमाने के लिए करते है) ओर उसमे दो चम्मच दही डाल कर मिला दे ओर ढक कर रख दे . सुबह तक ये दही की तरह जम कर तैयार हो जाएगी .

अब इस मलाई को एक बड़े भिगोने मे डाले (पहले चित्र की तरह) और इसमे दो से ढाई ग्लास सादा पानी डालकर  हॅंड बलेंडर (या रई या मथानी ) से बिलोये (दूसरे चित्र की तरह) और इसको तब तक बिलोए जब तक की इससे मक्खन अलग ना हो जाए. यह आपको उपर नज़र आने लगेगा  (तीसरे चित्र के अनुसार) अब इसको 10 से 15 मिनिट के लिए छोड़ दे और 15 मिनिट बाद फिर से बलेंडर से 5-7 मिनिट चलाए. जब मक्खन पूरी तरह से अलग हो जाए तब ब्लॅंडर को बाहर निकाल ले ओर भगोने मे बर्फ डाले, पूरी ट्रे बर्फ डाल दीजिए. बर्फ डालने से मक्खन थोड़ा टाइट हो जाता है ओर इसे उठाना आसान हो जाता है. जब बहुत ज़्यादा गर्मी (मई,जून) होती है तो  बिलोने पर मक्खन मोटा-मोटा नज़र नही आता बल्कि घी जैसा पतला तैरता हुआ नज़र आता है, तब आप इसे लगभग 10 मिनिट बिलोने केबाद इसमे बर्फ या ठंडा पानी डाल दे (बर्फ हो तो ज़यादा अच्छा) ओर 5-7 मिनिट ओर बिलोए मक्खन टाइट हो कर उपर तेरने लगेगा. अब इसे हाथ से उठा कर कड़ाही मे निकाल कर रख ले. ऐसे ही जब बहुत ज़्यादा सर्दी (दिसंबर,जनवरी) होती है तो  बिलोने पर मक्खन अलग नही होता और हमे पतला मट्ठा ही नज़र आता है तो इसे लगभग 10 मिनिट बिलोने केबाद इसमे एक से डेड गिलास गर्म पानी डाल दे (पानी न तो कम गरम होना चाहिए और न ही खोलता हुआ बल्कि पानी इतना गरम डालिए की आपकी मलाई हल्की गरम हो जाए इससे घी और मट्ठा अलग अलग हो जाएगा) और 5-7 मिनिट (या मक्खन आने तक) ओर बिलोए मक्खन अलग होकर उपर तेरने लगेगा. अब इसे हाथ से उठा कर कड़ाही मे निकाल कर रख ले.

अब इस कड़ाई को गॅस पर रख दे और मीडियम आग पर पकने दे, शुरू मे गॅस को बिल्कुल धीमा ही रखे ताकि मक्खन उफन कर बाहर ना आए. जब वो खोंलने लगे तो आग मीडियम पर करके पकने दे (पाँचवे चित्र मे ध्यान से देखिए). लगभग 15 से 20 मिनिट मे आपको क्लियर घी अलग हल्के पीले रंग का दिखने लगेगा (6th चित्र मे ध्यान से देखिए). अब गॅस बंद कर दीजिए ध्यान दे की घी का पीला रंग आने बाद ज़्यादा नही पकना है वरना घी जलने लगेगा इसेसे घी मात्रा भी कम होगी और इसका रंग भी हल्का ब्राउन हो जाएगा और इसके स्वाद मे भी फ़र्क आ जाएगा.

अब स्टील का एक डिब्बा या बर्तन लीजिए इसके मुह पर पतला साफ कॉटन का कपड़ा बंधीए (जैसे हम आचार की बर्नी पर बाँधते है) और घी को चमचे की सहायता से छान लीजिए. या फिर आप बारीक छेद वाली स्टील की छन्नी से भी छान सकते है ये आसान भी है.

लीजये आपका शुद्ध देसी घी तैयार है. अच्छी तरह से पका हुआ घी कई महीनो तक इस्तेमाल किया जा सकता है.


नोट: मक्खन निकालने के बाद भिगोने मे जो मट्ठा (छाछ) बचा है उसे कढ़ी बनाने मे या भूना जीरा पाउडर व काला नमक मिलकर पीने के लिए इस्तेमाल कर सकते है. इस्तेमाल से पहले इसे छान ले.  

इस रेसिपी से सबंधित प्रश्ना, सुझाव एवं अनुभव हमे लिखे.


Wednesday 3 October 2012

गोभी के परांठे


गोभी के परांठे

सुबह के नाश्ते मे या डिनर मे  आप अपने परिवार को किसी भी समय गोभी के परांठे परोस सकते हैं ,चटनी के साथ इनका स्वाद और भी बड़ जाता है.  तो आईये आज हम गोभी के परांठे बनाते है.

--> आवश्यक सामग्री - 

गोभी - 150 ग्राम या एक छोटा गोभी
गेहूं का आटा - 200 ग्राम या दो छोटी कटोरी
जीरा - एक चौथाई छोटी चम्मच
धनियाँ पाउडर - एक छोटी चम्मच
मिर्च पाउडर - आधा छोटी चम्मच (स्वादानुसार)
गरम मसाला -आधा छोटी चम्मच
हरी मिर्च - 2 बारीक कटी हुयी
अदरक  बारीक कसा हुआ
हरा धनियाँ -एक टेबिल स्पून बारीक कटा हुआ
नमक - स्वादानुसार
तेल या घी - परांठे सेकने के लिये

विधि -

सबसे पहले आटे में एक टेबिल स्पून तेल और आधी छोटी चम्मच नमक मिला दीजिये. इसको मिलाइये और पानी की सहायता से नरम आटा गूथ लीजिये. गूथे हुये आटे को आधा घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये.
फूल गोभी को बड़े टुकड़ो मे काट कर साफ कर ले ओर इसे अच्छी तरह धो लीजिये. अब इन डुकड़ों को कद्दूकस कर लीजिये. आप इसे फूड प्रोसेसर मे भी कस (ग्रेट) कर सकते हैं.
अब एक कढ़ाई मे एक बड़ी चम्मच तेल डाल कर गरम करे.. तेल गरम होने के बाद उसमें जीरा डाल कर भून लीजिये. अब  हरी मिर्च,अदरक और धनियाँ पाउडर डाल दीजिये और अब गोभी का चूरा, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला,,नमक और हरा धनियाँ डाल कर मिला दीजिये. 2 मिनिट तक चलाते रहिये. गोभी का मिश्रण पराठों में भरने के लिये तैयार है.

आटे से लोई तोड़िये और करीब 4-5 इंच व्यास की रोटी बेल लीजिये. एक बड़ी चम्मच गोभी मिश्रण उस पर रखिये उसे चारों ओर से मोड़कर बन्द कर दीजिये इसे अच्छी तरह से बंद कर दे. अब इस भरी हुइ लोई को हथेली की सहायता से दबाकर चपटा करके थोड़ा सा बड़ा कर लें. अगर एसा नहीं करेंगे तो बेलते बक्त आपका परांठा फट सकता है. अब बेलन की सहायता से 6 या 7 इंच व्यास में परांठा बेल लीजिये. अब इस परांठे को तबे पर डाल कर दोनों ओर से घी लगाकर ब्राउन होने तक खस्ता सेकिये (पहले परांठे को दोनो ओर से बिना घी के हल्का सिक जाने दीजिए जब इसपर हल्की ब्राउन चित्तियाँ आ जाए तब परांठे पर घी लगाए). इसी तरह से एक एक करके सारे पराठे बना लीजिये.

लीजिए आपके गोभी के पराठे तैयार हैं. गरमा गरम गोभी के परांठे, पसंदीदा सब्जी, दही, हरे धनिए की चटनी, मीठी चटनी, ईमली की चटनी या मक्खन के साथ परोसिये व खाइये.

नोट: यदि आपको भरे हुए परांठे बेलने मे परेसानी हो तो आप आटे के दो छोटी लोइयाँ बनाए और इनसे दो अलग अलग पतली चपातियाँ बेल ले, अब एक चपाती को चाकले पर रखे और इसपर मिश्रण समान रूप से फैला ले इसके उपर दूसरी तैयार चपाती रखे और किनारों को हाथ से दबाकर बंद कर दे, अब इसे तवे पर डाल कर सेंक ले.
 
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Tuesday 2 October 2012

रोटी या चपाती


रोटी या चपाती 


रोटी हर घर मे रोजाना बनाई जाती है लेकिन जिनको ये बनाना नही आता है उनके लिए बहुत मुस्किल होता है. तो आइए हम आज रोटी बनाना सिखाते है. रोटी के लिये आटा थोड़ा मुलायम गूंथा जाता है. मुलायम आटे से बनी रोटी ठंडी होने पर भी मुलायम बनी रहती है जबकि सख्त आटे से बनी रोटी ठंडी होने खाने में अच्छी नहीं लगती. रोटी के लिये गैंहू का आटा गूंथते समय जितना आपने आटा लिया है पानी उसकी मात्रा का आधा लगता है. यानी यदि दो कप आटा गूंथ रहे हैं तो आप एक कप पानी ले सकते हैं.

आटा लगाने कि विधि -
आवश्यक सामग्री
आटा -  2 कप
पानी  -1 कप


आटे को किसी परात या गहरे बर्तन मे छान लीजिये. अब एक हाथ से गुनगुना पानी (गुनगुने पानी से आटा मुलायम लगता है) डालते हुये आटे को हाथ से गूथिये. पानी थोड़ा -थोड़ा करके आटे में  डालिये, आटा अच्छी तरह मिक्स हो जाय तब आटे में मुक्कियां लगाकर, बार बार आटे को  हाथ से उठा कर पलटिये और मुक्कियां लगाकर दबाकर दबाकर गुँथिए (आटे को ना ज्यादा सख्त करें और ना ही ज्यादा गीला). आटा एक जैसा चिकना हो जाने पर उसे 20 मिनिट के लिए  के लिये ढककर रख दे.

20 मिनिट बाद आटे को उठाकर एक बार फिर से मसल लीजिए इससे आटा चिकना और मुलायम हो जाएगा और इसमे अच्छा खिचाव आ जाएगा. आटा अच्छी तरह गंथे जाने पर चिकना हो जाता है तो फिर यह रोटी बनाते समय हाथों में अधिक नहीं चिपकता और बेलते समय इसे कम परोथन (सूखा आटा) लगा कर बेला जा सकता है.

अब चपाती बनाइये -
तवा गरम होने के लिये गॅस पर रखिये, एक नीबू के बराबर का आटा तोड़कर निकालिये और हाथ से गोल लोई बनाइये. लोई को सूखे आटे (परोथन) में लपेटिये, अतिरिक्त सूखा आटा झड़ा दीजिये (ज्यादा सूखा आटा लोई के ऊपर नहीं रहना चाहिये).
सूखा आटा लगी लोई को चकले पर रखिये और बेलन की सहायता से थोड़ा बेल कर बड़ा कीजिये. बेलन से एक जैसा गोल बेलिये. इस बेली गई चपाती को फिर से परोथन में लपेटिये, अतिरिक्त परोथन चपाती से झाड़ दीजिये.
परोथन लगी चपाती को चकले पर रखिये और 5-6 इंच के व्यास में चारों तरफ एक जैसी मोटाई की गोल चपाती बेलिये. अच्छी चपाती बेलने के लिये आपको प्रेक्टिस करनी होगी. रोटी बेलते समय एक जैसा हल्का दबाब दें, अधिक जोर न लगायें. नहीं तो रोटी कहीं से मोटी कहीं से पतली हो जायेगी और सही फूलेगी नहीं.

इस चपाती को गरम तवे पर डालिये, निचली सतह थोड़ी ही सिकने पर चपाती की ऊपर की सतह का रंग कुछ गहरा हो जाता है, अब चपाती को पलटिये. दूसरी सतह को ब्राउन चित्ती आने तक सेकिये.

चपाती को तवे पर ही सेकना:- तवे पर रोटी को सेकने के लिये दूसरी सतह पर चित्ती आने के बाद रोटी को पलटिये और किसी साफ कपड़े का गोला जैसा बनाकर हाथ मे पकड़े और इस गोले हल्का हल्का दबाइए इससे चपाती फूलने लगेगी, अब ये चपाती तैयार है. इस तरह सारी चपाती सेक लीजिये.

तवा से उतार कर गैस पर सेंकना- गैस पर सेकने के लिये तवे से चपाती उतारिये और पहले चित्ती वाली सतह को सीधे आग पर चिमटे की सहायता से घुमाते हुये थोड़ा और गहरी चित्ती होने तक सेकिये. ये ध्यान रहे कि चित्ती ब्राउन ही रहे, काली नहीं पड़नी चाहिये. रोटी को पलट कर दूसरी तरफ हल्की ब्राउन चित्ती आने तक सेक लीजिये. चपाती पूरी फूल जाती है. फूली चपाती को कभी हाथ से न पकडिये. इससे निकलने वाली भाप आपका हाथ जला सकती है.

यदि चपाती झट से फूल जाय तो इसका अर्थ है यह अच्छी सिक रही है, अगर आप किसी को खाना खिला रहीं हैं और ये चपाती गरम गरम दे रहीं है तब आप ये चित्ती थोड़ी गहरी कर सकती है यानी कि आप कुरकुरी चपाती सेक कर दे सकती हैं. गरमा गरम घी लगी कुरकुरी चपाती खाने में बहुत अच्छी लगती है लेकिन बाद में खाने के लिये कड़क सिकी हुई चपाती अच्छी नहीं रहती.

इस चपाती के ऊपर बहुत थोड़ा सा देशी घी रखिए और दूसरी चपाती को इसके ऊपर रखकर हल्के हाथ से घुमाए, इससे चपातियों पर घी अच्छी तरह लग जाएगा. घी लगी चपाती कैसरोल में रख दीजिये. घी लगी चपाती कैसरोल में रखने से बाद में 5-6 घंटे तक खाने के लिये नरम रहती हैं.

रोटियों को कैसरोल मे नीचे फोइल बिछाकर रखें. रोटियां कपडे में लपेट कर भी रखी जा सकतीं है.

नोट:
(1) गूंथे गये आटे का ऊपरी भाग चिकना और इसमें खिंचाव पैदा होने तक गूंथते रहना चाहिये.
(2) गर्म और भाप से भरी रोटियों को तुरन्त कैसरोल में न रखे नहीं तो इसकी भाप रोटियों को गीला कर देती है. पहले रोटी की भाप निकल जाने दें.
(3) यदि आप आटे मे नमक खाना पसंद करते है तो आटा गुंथते समय सूखे आटे मे स्वादानुसार नमक डाल सकते है.

 (4) यदि आपकी चपातियाँ गोल नही बन रहीं है तो आप चपाती को बेलने के बाद किसी तेज किनारे वाले स्टील के बर्तन जैसे बड़ी कटोरी या टिफिन से चपाती के उपर उल्टा रखकर ज़ोर से दबाए और बर्तन उठा ले, कटे हुए कीनोरों को अगली लोइ मे इस्तेमाल कर ले.बस आपकी गोल चपाती तैयार हो जाएगी.



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सूजी केक


सूजी केक :-








 

        आपने मीठा केक तो बहुत खाया होगा आज में आपको एक ऐसा केक बनाना सिखाऊँगी जो नमकीन होता है ओर नाश्ते मे खाया जाता है. तो आइए बनाना शुरू करते है.

आवश्यक सामग्री :-

                 सूजी (रवा) - दो कटोरी
                 लाल मिर्च पाउडर - 1/2 छोटी चम्मच
                 नमक - स्वादानुसार
                 खाने का सोडा - 1/4 छोटी चम्मच
                 नीबू का रस -दो चम्मच
                 मूँगफली के दाने - 15 -20 दाने
                 प्याज - एक बारीक कटा हुआ
                 टमाटर -एक बारीक कटा हुआ
                 गाजर - एक बारीक कटा हुआ
                 हरी मिर्च - एक बारीक कटी हुई
                 ताजी हरी मटर - 15-20 दाने
                 तेल - एक चमचा
                  सफेद तिल - एक बड़ी चम्मच

विधि :-
       एक बर्तन मे सूजी छान लीजिए ओर इसमे लाल मिर्च,नमक,सोडा व थोड़ा सा पानी डाल कर थिक पेस्ट बना लीजिए ओर इसे कम से कम एक घंटे के लिए रख दीजिए( सुबह नाश्ते मे बनाने के लिए आप इसे रात को ही पेस्ट बना कर रख सकते है) .एक घंटे बाद या जब आप इसे बनाए तब इसमे बारीक कटा प्याज,टमाटर,हरी मिर्च,मटर,मूँगफली के दाने,नीबू का रस मिलाए. यह पेस्ट पतला नही बनाना है इसेउथना ही गाड़ा रखिए जितना आप सर मे लगाने के लिए मेहन्दी पेस्ट को रखते है. अब एक कड़ाही मे तेल गरम कीजिए. तेलगराम होने पर इसमे तिल डालिए ओर चटकने दीजिये. अब इसमे तैयार पेस्ट डाले ओर फुल गॅस पर ही दो मिनिट ढक कर पकाए. दो मिनिट बाद गॅस को मीडियम फ्लॅम(आँच) पर कर दे ओर लगभग 5 मिनिट पकने दे. 5 मिनिट बाद खोल कर देखे, इसने कड़ाही की गोल शेप ले ली होगी इसे पलटे की सहायता से पलट दे यह इस ओर ब्राउन हो गया होगा. अब दूसरी तरफ भी इसी तरह 5-7 मिनिट पकाए ओर फिर इसके सेंटर मे एक चाकू  सीधा डाले ओर सीधा ही बाहर निकाले यदि चाकू सूखा ही बाहर आ जाए तो जानिए की केक रेडी है ओर यदि चाकू गीला है उस पर पेस्ट लगा है तो इसे धीमे आँच पर कुछ ओर देर पकाए.

जब केक तैयार हो जाए उसे एक प्लेट मे निकाल ले ओर इसकी कटिंग की ज़िम्मेदारी अपने बच्चे को दे ओर काटते वक्त देखिए वो कितना खुश है. मेरे घर मे तो यह केक हमेशा मेरा बेटा ही काटता है. इस सूजी केक को ईमली की मीठी चटनी के साथ खाइए बहुत टेस्टी लगेगा या फिर अपनी पसंद की किसी भी चटनी, टोमॅटो केचप से खाइए.

नोट :- (1) केक को दोनो तरफ गहरा ब्राउन होने तक सेके.
       (2) बाहर निकालने से पहले चाकू डाल कर चेक ज़रूर करे.
       (3) इसमे आप अपने पसंद की कोई भी सब्जी डाल सकते है.
       (4) इन्स्टेंट केक बनाने के लिए सोडा की जगह ईनो डाले ओर 5 मिनिट बाद ही बना सकते है.
 
समय -  लगभग आधा घंटा

मात्रा - चार लोगो के लिए

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आलू टमाटर की सब्जी


आलू टमाटर की सब्जी :-


 


                     







यह एक ऐसी सब्जी है जो हर एक घर मे बनाई जाती है. सर्दियो मे जब बाज़ार मे देशी टमाटर ओर खुश्बुदार हरा धनिया आता है तब तो इस सब्जी का स्वाद दोगुना हो जाता है. देशी टमाटर उपलब्ध ना हो तो आप आमतोर पर मिलने वाले टमाटरो से भी इसे बना सकते है.

आवश्यक सामग्री :-

                  आलू - 4-5 मीडियम साइज़ के
                  टमाटर- 3 (देशी टमाटर हो तो ज़्यादा अच्छा)
                  हरी मिर्च - दो
                  प्याज - एक बड़े साइज़ का
                  लहसुन - 3-4 कलिया
                  अदरक - 1 इंच का टुकड़ा
                  हरा धनिया - थोड़ा सा
                  तेल - एक बड़ा चमचा
                  जीरा - एक छोटी चम्मच
                  हल्दी पाउडर- एक छोटी चम्मच
                  लाल मिर्च पाउडर -एकछोटी चम्मच( स्वादानुसार)
                  धनिया पाउडर - एक छोटी चम्मच
                  गरम मसाला पाउडर - 1/2 छोटी चम्मच
                  नमक - स्वादानुसार

विधि :-

       आइए सबसे पहले मसाला तैयार करते है इसके लिए प्याज,लहसुन व अदरक को छील कर मिक्सी मे पीस ले. इसमे जीरा छोड़कर बाकी सभी मसाले मिला ले. अब गॅस ऑन करके उस पर कुकर रखे ओर तेल डाले जब तेल गरम हो जाए तब इसमे जीरा डाले जब जीरा हल्का ब्राउन होने लगे तब इसमे प्याज लहसुन का तैयार पेस्ट डाले ओर मीडियम गॅस पर भुनाने दे. जब तक यह भुने आप साथ मे टमाटर व हरी मिर्च काटे व मसले मे डाल दे इसे भी साथ मे ही भूनने दे ओर आलू काट कर रख ले .आलू को लंबे टुकड़ो मे काटे. मसले को बीच बीच मे चमचे से चलाते रहे.जब तेलमसले के किनारो पर दिखाई देने लगे तो समझिए की मसाला भुन गया है. अब इसमे आलू डाले ओर इतना पानी डाले की आलू लगभग डूब जाये.अब कुकर बंद कर दे ओर एक सीटी आने के बाद गॅस धीमी कर दे ओर दो सीटी ओर लगाए.  बस आपकी सब्जी तैयार है. कुकर खोलने के बाद हरा धनिया डाले ओर गरमा-गरम परोसे. यह सब्जी चपाती,पूरी व चावल के साथ बहुत अच्छी लगती है.

नोट:   (1) अगर आप प्याज लहसुन न पसंद करते हों तो आप इस रिसीपी को बिना प्याज लहसुन के भी बना सकते हें तब आप इसकी जगहे मसालो को पानी मे गाढ़ा घोल कर उसे डाले या टमाटर पीस कर पेस्ट बना ले.  .
(2)  इस सब्जी की ग्रेवी (करी) को ज़्यादा पतला नही किया जाता इसे थोड़ा गाडा रखा जाता हे. थिक ग्रेवी ओर भी ज़्यादा टेस्टी होती है.

मात्रा - चार से पाँच लोंगों के लिये.
 समय -1/2 घंटा लगभग.

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आलू का हलवा



आलू का हलवा :-


                ये हलवा आप व्रत मे या कभी भी जब आप का दिल चाहे बना ओर खा सकते है. ये छोटे बच्चो के लिए भी अच्छी रेसिपी है क्योकि ये टेस्टी होने के साथ-साथ पोष्टिक भी है. तो आइए इसे बनाना शुरू करते है.

आवश्यक सामग्री :-

                 आलू उबले,छिले,व कद्दूकस किए हुए - 6 मीडियम साइज़ के
                 घी - 1/2 कप
                 दूध - 1 कप
                 पीसी चीनी - डेढ़ कप
                 इलायची पाउडर - 1 छोटी चम्मच
                 मेवे - 1/2 कप (अपनी पसंद के)

विधि :-

       एक भारी तले की कड़ाही को गरम होने रखिए ओर उसमे घी डालिए .घी गरम होने पर उसमे उबले कसे हुए आलू डालिए ओर लगातार चलाते हुए मीडियम गॅस पर हल्का ब्राउन होने तक भूने .जितना अच्छी तरह आप इसे भूनेगे उतना ही टेस्टी ये बनेगा. जब आलू भुन जाए तब इसमे पीसी चीनी व दूध डाल कर चलाते हुए भूने.जब आलू व घी अलग-अलग नज़र आने लगे तब इसमे मेवे व इलायची पाउडर मिलाए ओर गरमा-गरम सर्व करे.

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Monday 1 October 2012

समा के चावल की खीर (व्रत के चावल)


समा के चावल की खीर (व्रत के चावल)



नवरात्रि के दौरान समा यानी व्रत के चावल  से कई तरह की रेसीपी बनाई  जाती है, प्रस्तुत है समा चावल की खीर  जो खाने में स्वादिष्ट और बनाने में आसान है.
आवश्यक सामग्री -
फुल क्रीम दूध - 1 लीटर लगभग पांच कप
चावल - 80 ग्राम लगभग तीन चोथाई कप
चीनी - 100 ग्राम लगभग आधा कप
काजू - 10 -15
किशमिश - 20 - 22
चीरोंजी - एक छोटी चम्मच
छोटी इलाइची पाउडर - एक छोटी चम्मच

विधि -
समा के चावल को साफ करके धो कर  आधा घंटे के लिये पानी में भिगो दीजिये.

काजू को छोटे टुकड़ों में काट ले व किशमिश धो ले.
किसी भारी तले के बर्तन में दूध को गरम करने रख दे दूध में उबाल आने के बाद समा के चावल दूध में डाले ओर चमचे से अच्छी तरह चला दे ओर गॅस धीमी कर दीजिये. खीर को हर दो मिनिट मे चलाते रहिये ताकि खीर जल ना जाए.

   समा के चावल पक जाने  पर, खीर में काजू , किशमिश व चीरोंजी डाल दीजिये. चावल को दूध के साथ एकदम मिलने तक खीर को पकने दीजिये. खीर को चमचे से गिराने पर दूध और चावल एक साथ गिरने चाहिये. अब खीर में चीनी डालिए ओर  मिला दीजिये. गॅस बन्द कर दीजिये.
अब खीर बन चुकी है. खीर में इलाइची पाउडर डाल कर मिलाए. इसे गरम या ठंडी जैसे आप पसंद करते हो वैसे खाइये.

नोट: (१) खीर में मेवे अपनी पसन्द के अनुसार कोई भी और कितनी भी मात्रा मे डाल सकते हैं.
     (2) आप इस खीर मैं दूध मैं उबाल आने के बाद 7 - 8 चम्मच मिल्कमेड भी मिला सकते इससे आपकी खीर और भी ज़्यादा  टेस्टी हो जाएगी. मिल्कमेड डालने पर चीनी की मात्रा को थोड़ा कम कर दे क्योंकि ये काफ़ी मीठा होता है.

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साबूदाना नमकीन (व्रत के लिए)



साबूदाना नमकीन (व्रत के लिए)

नवरात्रि आने वाली हैं, इस समय बाजार में व्रत की नमकीन आसानी से मिल जाती है पर आप ये व्रत की नमकीन घर में भी बड़ी आसानी से बना सकते हैं, घर में बनी नमकीन बाजार से  ज़्यादा स्वादिष्ट और शुद्ध होगी.

ये नमकीन कई प्रकार की बनाई जाती है हम यहाँ पर मूंगफली के दाने और बड़े साबूदाने से ये व्रत की नमकीन बना रहे है, इसमे आप मन पसन्द कोई भी सूखी मेवा हल्की सी भून कर मिला सकते है, उससे ये और भी अधिक स्वादिष्ट बन जाएगी. इसको आप लगभग एक महीने तक इस्तेमाल कर सकते है ये आपको बहुत ही पसन्द आयेगी.

आवश्यक सामग्री -

बड़ा साबुदाना -  1 कप
मूंगफली के दाने - 1 कप
बादाम - 20 - 22
घी - तलने के लिये
नारियल - कद्दूकस किया हुआ आधा कप
सेंधा नमक - स्वादानुसार
काली मिर्च पाउडर- 1/4  छोटी चम्मच

विधि -

साबूदाने को किसी बर्तन में निकालिये, 2 छोटी चम्मच पानी डालिये और अच्छी तरह मिलाइये, 5- 10 मिनिट के लिये रख दीजिये ताकि ये थोड़े से नम हो जांय. इस बीच मूगफली के दाने साफ कर के रख लीजिये.

 अब एक भारी तले की कढ़ाई में एक कप घी डाल कर गरम कीजिये, घी जब अच्छी तरह से गरम हो जाय तब घी में साबूदाना डाले ओर आग बिलकुल धीमी कर दे साबूदाना को  फूलने दीजिये, बीच बीच में कलछी से चलाते रहे, अगर साबूदाने उचट रहे हों तो कढ़ाई के ऊपर थाली ढकी जा सकती है, पूरे साबूदाने फूलने के बाद, इन्हैं प्लेट में निकाल लीजिये. साबूदाने को  खा कर देख लीजिये कि वह अन्दर तक भून गया है. इसी तरह पूरे साबूदाने को तल लीजिये.

अब मूंगफली के दाने घी में डालिये और धीमी आग पर कलछी से चलाते हुये हल्के ब्राउन होने तक भून लीजिये ये बड़ी जल्दी लगभग 3-4 मिनिट में भून जाते हैं. बादाम व नारियल के टुकड़े भी हल्के से भून कर निकाल लीजिये.

इन सभी भुनी हुई चीजों को मिलाइये, पिसा हुआ सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डाल कर मिला दीजिये. बस तैयार हो गई आपकी व्रत की नमकीन. ये नमकीन आप ठंडा होने पर कन्टेनर में भर कर रख लीजिये इसे व्रत में या वैसे भी 1 महिने तक कभी भी खाइये.

नोट:
(1) आप अपने पसंद की कोई भी मेवा डाल सकते है जैसे काजू, किशमिश इत्यादि.
(2) यदि आप घी ना खाना चाहे तो रिफाइंड तेल इस्तेमाल कर सकते है.
(3) कुछ लोग इसे हल्का मीठा खाना पसंद करते ही तो वो काली मिर्च पाउडर हटा दे और एक चम्मच पीसी हुई चीनी मिक्स्चर तैयार होने के बाद मिला दे.  

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लौकी (घिया या दूधि) की बर्फी


लौकी (घिया या दूधि) की बर्फी

लौकी की बर्फी को आप त्यौहार या व्रत में फलाहार के रूप में भी बना सकते हैं. ये बनाने में एकदम आसान, पौष्टिक लौकी की बर्फी दिवाली पर सभी को बहुत पसन्द आयेगी.

लौकी की बर्फी बनाने के लिये लौकी पकी हुई लें तो लौकी की बर्फी का स्वाद बहुत अच्छा रहेगा. बर्फी बनाने के लिये कच्ची या पतली लौकी सही नहीं रहती.

आवश्यक सामग्री -
लौकी - 1/2 किग्रा.
घी - 4 छोटी चम्मच
चीनी - 125 ग्राम
मावा - 125 ग्राम
काजू - 10-15 (काजू के छोटे टुकड़े कर लीजिये)
इलाइची पाउडर - एक टेबल स्पून
पिस्ते - एक छोटी चम्मच (बारीक कतरे हुये)

विधि -

लौकी को छील लीजिये, लम्बे टुकड़ो मे काटिये और बीज एवं बीज वाला गूदा हटा दीजिये और कद्दूकस कर लीजिये, कढ़ाई में 2 चम्मच घी डाल दीजिये घी पिघलने पर बिना पानी डाले लौकी डालिये, इसे ढककर धीमी आग पर पकने दीजिये, बीच बीच मे इसे चमचे से चलाइये और फिर से ढक दीजिये. लौकी के नरम होने तक इसे पकने दीजिये.

अब इसमे चीनी डालकर पकाइये, चीनी के साथ मिलकर लौकी से काफी मात्रा में पानी निकल आता है, थोड़ी थोड़ी देर में चमचे से चलाते रहिये ताकि लौकी तले में न लगे, इस तरह लौकी से पानी बिलकुल खतम होने तक लौकी को पका लीजिये.

पकी हुई लौकी में बचा हुआ घी डालिये और लौकी को अच्छी तरह भून लीजिये.  भुने लौकी चीनी में मावा को हाथ से मसल कर डाल दे और उसमे मेवे मिलाइये और चमचे से चलाते हुये तब तक पकाइये जब तक कि वह जमने वाली अवस्था में न आ जाय, इसके लिये उंगलियों से चाशनी को चिपका कर देखिये कि वह उंगलियों से चिपकते हुये जमने सा लगता है तो आग बन्द कर दीजिये और इलाइची पाउडर मिला दीजिये.

थाली को जरा सा घी लगाकर चिकना कीजिये और ये मिश्रण थाली में डालकर एकसार करके जमने रख दीजिये.  बर्फी के ऊपर कतरे हुये बारीक पिस्ते डाल कर चिपका दीजिये.  लगभग 1 से डेड घंटे में लौकी की बर्फी जमकर तैयार हो जाती है.  इसको आप अपने मन पसन्द आकार में काटिये और इसे एअर टाइट कन्टेनर मे भरकर फ्रिज मे रखिए. सर्दियों के मौसम मे इसको आप बाहर भी रख सकते है.

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कस्टर्ड ब्रेड पुडिंग

कस्टर्ड ब्रेड पुडिंग

आवश्यक सामग्री :

डेढ लीटर- दूध,
10-12 - स्लाइस ब्रेड (किनारे काट कर निकाल दे),
2 कप - शक्कर,
1 कप - ताजे नारियल कसा हुआ,
एक कप - कस्टर्ड पावडर (अपनी पसंद का फ्लेवर चुने),
सजावट के लिए - चेरी,
बादाम-पिस्ता बड़े साइज में कटा हुआ,

विधि :
ब्रेड का चूरा करे और उसे कड़ाही गर्म करें व चूरे को सूखा (बिना घी के) थोड़ा भून लें। अब धीरे-धीरे इसमें एक लीटर दूध डालें और बराबर धीरे धीरे चलाते रहें। अब इसमें एक कप शक्कर और नारियल का बूरा मिला लें और चलाते रहें। जब ये गाढ़ा जमने लायक हो जाए तो इसे कांच के बाउल में निकाल लें।

अब थोड़े दूध में कस्टर्ड पावडर घोलें और बाकी बचे हुए आधा लीटर दूध में शक्कर मिलाकर उबालें। फिर उबलते दूध में कस्टर्ड मिला लें व लगातार चलाते रहें। गाढ़ा होने पर आंच से उतारें व ब्रेड के मिश्रण के ऊपर फैला लें। अब इसे चेरी एवं बादाम-पिस्ता से सज़ा कर लें व फ्रिज में ठंडा करके सेट करें.

आपका कस्टर्ड ब्रेड पुडिंग तैयार अब इसे सर्व कर सकते है.

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